BCCI का भेदभाव! 2022 में T20I में शीर्ष पर रहे भुवनेश्वर कुमार और 35.83 का औसत वाला सिडनी टेस्ट का हीरो भी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर

टीम इंडिया के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार। (फाइल फोटो)

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने रविवार को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट जारी किया। इसमें भुवनेश्वर कुमार, इशांत शर्मा और अजिंक्य रहाणे जैसे खिलाड़ियों को जगह नहीं मिली। इशांत और रहाणे लंबे समय से टीम से बाहर चल रहे हैं, ऐसे में उनको कॉन्ट्रैक्ट न मिलने पर हैरानी नहीं हुई, लेकिन भुवनेश्वर कुमार और हनुमा विहारी को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट न मिलना हैरानी भरा रहा। भुवी ने पिछले साल टी20 में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। वह फुलटाइम नेशन टीमों की ओर से दूसरे और भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने गेंदबाज रहे, उसके बाद भी उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।

पिछले साल टीम इंडिया की न्यूजीलैंड दौरे के बाद से भुवनेश्वर कुमार टीम से बाहर चल रहे हैं। टी20 वर्ल्ड कप 2022 के सेमीफाइनल में टीम इंडिया इंग्लैंड से बुरी तरह हारकर बाहर हुई थी। इस मैच में भुवनेश्वर कुमार समेत कोई भी गेंदबाज विकेट नहीं ले सका था। इस मैच में किसी भी भारतीय गेंदबाज का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। फिर भुवनेश्वर कुमार पर ही गाज क्यों गिरी? अब टी20 वर्ल्ड कप में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। उन्होंने 6 मैच में 4 विकेट लिए, पर ऐसा प्रदर्शन करने वाले वह अकेले नहीं थे। मोहम्मद शमी और रविचंद्रन अश्विन ने भी 6-6 विकेट ही लिए।

2022 में भुवनेश्वर कुमार का प्रदर्शन

टी20 वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन को छोड़ दें तो साल 2022 में भुवनेश्वर कुमार ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। 32 मैच की 31 पारी में 19.56 के औसत और 6.98 के इकॉनमी से 37 विकेट झटके। इस दौरान उन्होंने 2 बार 4 विकेट लिए और 1 बार 5 विकेट लिया। साल 2023 में उन्हें श्रीलंका, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लिमिटेड ओवर्स सीरीज में टीम में ही नहीं चुना गया। वह टेस्ट से पहले ही बाहर चल रहे थे।

चेतेश्वर पुजारा की वापसी और हनुमा विहारी टीम से बाहर

पिछले साल की शुरुआत में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा, इशांत शर्मा, ऋद्धिमान साहा जैसे खिलाड़ियों को टेस्ट टीम से बाहर किया गया। इस दौरान हनुमा विहारी और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ियों को रेड बॉल क्रिकेट में ग्रूम करने की बात हुई। हनुमा विहारी को सीरीज में नंबर-3 पर खेलने को मिला। चेतेश्वर पुजारा ने घरेलू क्रिकेट और काउंटी में बेहतरीन बल्लेबाजी की और उनकी टीम में वापसी हुई। इसके बाद हनुमा विहारी प्लेइंग 11 नहीं टीम से ही बाहर हो गए। अब उन्हें सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में भी जगह नहीं मिली है।

Also Read

BCCI की कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में सबसे ज्यादा 5 खिलाड़ी गुजरात के, महाराष्ट्र के खिलाड़ियों का भी डंका; देखें किसका हुआ प्रमोशन कौन हुआ डिमोट

हनुमा विहारी प्लेइंग 11 से अंदर-बाहर

हनुमा विहारी को हमेशा उनके जूझारूपन के लिए याद किया जाएगा। हैमस्ट्रिंग खिंचने के बाद भी साल 2020 में सिडनी में रविचंद्रन अश्विन के साथ लगभग दो सेशन बैटिंग करके मैच ड्रॉ कराया था। इसके बाद पिछले रणजी सीजन में कलाई टूटने के बाद भी एक हाथ से बल्लेबाजी करने उतरे थे। उन्होंने साल 2018 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था, लेकिन प्लेइंग 11 से अंदर-बाहर होते रहे। 16 मैच में उन्होंने 33.56 के औसत से 839 रन बनाए हैं। इस दौरान 5 अर्धशतक और 1 शतक जड़े हैं।

क्या ये हनुमा विहारी के साथ भेदभाव नहीं?

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में लगातार 3 मैच में सूर्यकुमार यादव गोल्डन डक हुए। इसके बाद भी कोच राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा ने उनका बचाव किया। केएल राहुल के साथ भी हाल कुछ ऐसा ही है। लगातार खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें मौका मिलने पर सवाल उठाने पर कहा जाता है कि उनमें काफी क्षमता है। टेस्ट क्रिकेट छोड़ दें तो ऋषभ पंत का प्रदर्शन लिमिटेड ओवर्स में कुछ खास नहीं है। फिर भी उन्हें लगातार मौके मिलते रहे हैं। फिर साल 2022 में 4 मैच में 35.83 के औसत से 215 रन बनाने वाले विहारी को टीम से क्यों बाहर किया गया? क्या यह खिलाड़ी और मौके डिजर्व नहीं करता?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *