Irani Trophy: एमएस धोनी ने पूछा- थकेगा तो नहीं? जवाब मिला- अगर थक जाऊं तो स्ट्रेचर पर ले जाना: इशांत शर्मा ने किया लॉर्ड्स में हुई बातचीत का खुलासा

इशांत शर्मा ने 2014 में भारत के इंग्लैंड दौरे के दौरान एमएस धोनी के साथ बातचीत का खुलासा किया। (सोर्स - एपी)
इशांत शर्मा भारत के लिए 100 टेस्ट मैच खेलने वाले केवल दो तेज गेंदबाजों में से एक हैं। इशांत ने अपने अब तक के करियर में 311 विकेट चटकाए हैं। उन्होंने कई मुकाबलों में मैच जिताने वाले स्पैल फेंके हैं। भारतीय क्रिकेट टीम में 6 फुट 4 इंच लंबे इस तेज गेंदबाज को प्यार से याद किया जाता है। इशांत शर्मा ईरानी ट्रॉफी में रेस्ट ऑफ इंडिया का हिस्सा हैं।
2014 में इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के दौरान इशांत शर्मा ने लॉर्ड्स में दूसरी पारी में 74 रन देकर 7 विकेट लिए थे। उनकी शानदार गेंदबाजी के दम पर भारत को लॉर्ड्स में 1986 के बाद पहली जीत हासिल हुई थी। 34 साल के इशांत शर्मा ने हाल ही में एक बातचीत का खुलासा किया।
इशांत की वह बातचीत इंग्लैंड के उस दौरे में तत्कालीन भारतीय कप्तान एमएस धोनी के साथ हुई थी। इशांत ने क्रिकबज से कहा, ‘मेरे कई पसंदीदा स्पैल हैं, खासकर वह जो मैंने लॉर्ड्स में फेंका था। लंच से पहले जब मोईन अली आउट हुए तो माही भाई मेरे पास आए। मैं आपको बताता हूं कि पहले क्या हुआ था।’
धोनी ने इशांत के साथ मिलकर बनाई थी बाउंसर फेंकने की रणनीति
इशांत शर्मा ने कहा, ‘हम ड्रेसिंग रूम की ओर जा रहे थे तभी माही भाई ने मुझे नॉर्मल रहने को कहा। माही भाई ने मुझसे कहा- अगर कुछ नहीं होता (विकेट नहीं निकलते हैं तब) है, तो हम बाउंसर गेंदबाजी करने की ओर जाएंगे। मैंने कहा ठीक है। इस पर उन्होंने मुझसे पूछा- थकेगा तो नहीं? मैंने कहा कि जब तक आप चाहते हैं मैं गेंदबाजी करूंगा। मैं तब तक गेंदबाजी करूंगा जब तक मैच खत्म नहीं हो जाता।’
कोच फ्लेचर ने भी इशांत के स्टैमिना पर जताया था संदेह
इशांत शर्मा ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, ‘फिर हम ड्रेसिंग रूम के अंदर गए। डंकन (डंकन फ्लेचर टीम इंडिया के तत्कालीन कोच), माही भाई और मैं बैठकर बातें कर रहे थे। फिर डंकन और माही भाई ने मुझसे पूछा ‘क्या तुम दोबारा गेंदबाजी करोगे?’ मैंने कहा मैं खेल खत्म होने तक गेंदबाजी करता हूं। उन्होंने फिर कहा- लेकिन नहीं, तुम इंसान हो। तुम थक जाओगे।’
इशांत शर्मा ने आगे बताया, माही भाई का सवाल सुनकर मैं जोर देते हुआ कहा- नहीं। अगर मैं थक जाऊं तो मुझे स्ट्रेचर पर ले जाना। मैं खेल खत्म होने तक नहीं लौटूंगा। तो यह सुनकर उन्हें भी लगा कि मैं कितनी देर तक बाउंसर फेंक सकता हूं। तो यह बात है। मैं गेंदबाजी करता रहा। खैर, यह अलग बात है कि मैं चोटिल हो गया।