Crime Katha: लड़की का कत्ल, बाथरूम में लाश और खूनी साजिश… 72 घंटे में ऐसे हुआ था इस मर्डर मिस्ट्री का खुलासा

Crime Katha: लड़की का कत्ल, बाथरूम में लाश और खूनी साजिश... 72 घंटे में ऐसे हुआ था इस मर्डर मिस्ट्री का खुलासा

अपराध की दुनिया में ऐसे मामलों की भी कमी नहीं होती, जो इंसानी रिश्तों के ताने-बाने में उलझे होते हैं. कहीं रिश्तों में धोखा होता है तो कहीं रिश्तों का खून कर दिया जाता है. कई बार इस तरह के मामले इतने पेचीदा होते हैं कि पुलिस को भी उन्हें सुलझाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. ऐसा ही एक मामला आज से 10 साल पहले यूपी के मेरठ से सामने आया था. जहां एक कमसिन लड़की का खून हुआ था. और जब पुलिस ने कातिल का खुलासा किया था, तो हर कोई हैरान रह गया था. क्राइम कथा में आज कहानी उसी सनसनीखेज कत्ल की. 

11 जनवरी 2013, मेरठ, उत्तर प्रदेश

सर्दियों का मौसम था. दोपहर के तकरीबन 12 बज रहे थे. मेरठ के नौचंदी पुलिस थाने में रोज की तरह काम चल रहा था. कुछ फरियाद अपनी फरियाद लेकर थाने में मौजूद थे. कुछ लोगों से पुलिसवाले बात कर रहे थे. थाने का मुंशी अपनी लिखा पढ़ी में मसरूफ था. तभी थाने के फोन की घंटी बज उठती है. चंद सेकंड फोन घनघनाता है, और तभी लपक कर एक सिपाही फोन उठाता है. दूसरी तरफ से किसी महिला की आवाज़ आती है. वो थाने के सिपाही को अपना परिचय देने के बाद बताती है कि अस्पताल में एक लड़की को संदिग्ध अवस्था में मृत लाया गया है. आप आकर छानबीन कर सकते हैं. लाश मोर्चरी में है.

अस्पताल पहुंचती है पुलिस

ये सुनते ही सिपाही फोन रखता है और थाना प्रभारी को दौड़कर इस बात की जानकारी देता है. इसके बाद बिना देर किए पुलिस की टीम अस्पताल की तरफ रवाना हो जाती है. महज 15 से 20 मिनट में पुलिस अस्पताल पहुंचती है. पहले पुलिस अस्पताल की इमरजेंसी में जाती है. जहां से पुलिस थाने में कॉल की गई थी. फिर पुलिस की टीम मोर्चरी पहुंचती है, जहां पुलिस के सामने थे एक लड़की की लाश. जिसकी उम्र करीब 23 साल थी. लड़की का नाम प्रीति था. वो मेरठ के शास्त्री नगर की रहने वाली थी. 

डॉक्टर जताते हैं कत्ल का शक 

पुलिस सबसे पहले लाश का मुआयना करने वाले डॉक्टरों से बात करती है. अस्पताल में उस वक्त ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर पुलिस को बताते हैं कि ऐसा लग रहा है के लड़की का कत्ल उसका मुंह दबाकर किया गया है. बाकी पूरी जानकारी पोस्टमार्टम के बाद ही मिलेगी. पुलिसवाले भी लाश को अच्छी तरह से देखते हैं और पंचनामे की कार्रवाई के फौरन बाद लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा देते हैं. 

जांच के लिए प्रीति के घर जाती है पुलिस

इसके बाद पुलिस लड़की के बारे में और जानकारी जुटाती है. छानबीन शुरू करते ही पुलिस को पता चलता है कि उसकी लाश उसी के घर के बाथरूम में मिली थी. उसका सिर एक पानी से भरे प्लास्टिक टब में डूबा हुआ था. ये जानकारी मिलने के बाद पुलिस की टीम 23 साल की प्रीति के घर पहुंचती है. वहां मीडियावाले भी पुलिस के पीछे-पीछे आ जाते हैं. वहां पुलिस को पता चलता है कि प्रीति एम.कॉम की छात्रा थी. साथ ही वो यूपीएसई की तैयारी भी कर रही थी. 

सबसे पहले नेहा ने देखी थी प्रीति की लाश 

इसके बाद पुलिस पता करती है कि लाश को सबसे पहले किसने देखा था? तो पता चलता है कि लाश सबसे पहले प्रीति की बहन नेहा ने देखी थी. इसके बाद उसने प्रीति के दोस्त शाकिब को फोन किया था. तब तक घर में केवल प्रीति की मां और बहन नेहा मौजूद थी. शाकिब फोन पर नेहा की कॉल आने के बाद उनके घर पहुंचा था. फिर उन लोगों ने लाश को अस्पताल पहुंचाया था. 

बेटी की मौत को पिता ने बताया था हादसा

पुलिस को शास्त्री नगर में मौजूद उनके घर में पिता भीम सिंह मिलते हैं. भीम सिंह ओएनजीसी (ONGC) में इंजीनियर थे. उनकी तैनाती उस वक्त अहमदाबाद में थी. लेकिन वो छुट्टी पर अपने घर आए हुए थे. मृतका प्रीति उनकी छोटी बेटी थी. जबकि बड़ी बेटा नेहा शादीशुदा थी. मगर वो भी उस वक्त वहां मौजूद थी. भीम सिंह उस दिन पुलिस की मौजूदगी में मीडिया को बयान देते हुए बताते हैं कि बाथरूम के हालात देखकर ऐसा लग रहा था कि उनकी बेटी अपने कमरे के बाथरूम में किसी हादसे का शिकार हो गई है. वो पुलिस को भी अपना यही बयान दर्ज कराते हैं.

घर में छानबीन करती है पुलिस

इस दौरान पुलिस प्रीति के कमरे ही नहीं, बल्कि उनके पूरे घर की छानबीन करती है. बाथरूम से सुराग और सबूत जुटाने की कवायद की जाती है. फोरेंसिक टीम के लोगों की मदद भी ली जाती है. मगर वहां से पुलिस को ना तो कोई सुराग मिलता और ना ही सबूत. बस पुलिस के पास होता है वो प्लास्टिक का टब, जिसमें प्रीति का सिर डूबा हुआ था.

पहले शाकिब पर जाता है शक

कुल मिलाकर पुलिस को पता चलता है कि घटना के वक्त तीन और ठीक उसके बाद घर में चार लोग मौजूद थे. प्रीति के पिता भीम सिंह, मां शशिबाला, बहन नेहा और चौथा शाकिब यानी प्रीति का दोस्त. छानबीन और पूछताछ में पुलिस को ये भी पता चलता है कि प्रीति का दोस्त शाकिब पहले कभी प्रीति की बहन नेहा का दोस्त हुआ करता था. लेकिन नेहा की शादी हो जाने के बाद उसकी दोस्ती प्रीति से हो गई थी. शाकिब का उनके घर आना-जाना भी था. 

प्रीति की मां और बहन ने किया था बड़ा खुलासा

इस दौरान पुलिस देखती है कि प्रीति की मां शशिबाला और बहन नेहा का रो-रो कर बुरा हाल है. पुलिस जब उनसे पूछताछ करती है तो वे पुलिस के सामने ऐसा खुलासा करते हैं कि पुलिस हैरान रह जाती है. शशिबाला पुलिस को बताती है कि उनकी बेटी का कातिल कोई और नहीं बल्कि उसका बाप है. शशिबाला पुलिस को बताती है कि भीम सिंह को कभी बेटी नहीं चाहिए थीं. उसे केवल बेटे की चाहत थी. वो बेटियों का नापसंद करता था. इल्जाम था कि वो पहले भी बेटियों को मारने की कोशिश कर चुका था.

नेहा भी अपनी मां के बयान से सहमति जताती है. नेहा भी पुलिस को ऐसा ही बयान देती है. वो कहती है कि उसके पिता भीम सिंह ने ही उसकी बहन का कत्ल किया है. मौत से पहले उसने प्रीति के चीखने की आवाज़े भी सुनी थी. तभी वो उसके कमरे में गई थी. जहां सारा सामान बिखरा हुआ था. प्रीति बाथरूम में गिरी पड़ी था, उसका सिर प्लास्टिक के टब में था.

हर कोई लेता है भीम सिंह का नाम

अब पुलिस शाकिब से पूछताछ करती है. शाकिब पुलिस को बताता है कि वारदात के वक्त वो वहां मौजूद नहीं था. नेहा ने उसे कॉल करके वहां बुलाया था. वो पुलिस को बताता है कि प्रीति की मौत कोई हादसा नहीं बल्कि कत्ल है. जिसे उसके पिता भीम सिंह ने ही अंजाम दिया है. पुलिस घर में मौजूद कई रिश्तेदारों से भी बात करती है और उस वक्त हैरान रह जाती है, जब सभी भीम सिंह पर ही हत्या का शक जताते हैं.

प्रीति की पोस्टमॉर्टम का खुलासा

अब मृतका का पिता भीम सिंह पुलिस के रडार पर आ जाता है. पुलिस उस पर फोकस करती है. 24 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत जाता है. इसी दौरान पुलिस को प्रीति की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी मिल जाती है. रिपोर्ट के मुताबिक, दम घुट जाना प्रीति की मौत का कारण होता है. यानी उसकी मौत दम घुटने से हुई थी. जैसा कि अस्पताल के डॉक्टर भी पुलिस को पहले ही बता चुके थे कि उसका कत्ल मुंह दबाकर किया गया था.

कातिल ने कुबूल किया अपना जुर्म

अब पुलिस एक बार फिर पूरी तैयारी और नए सवालों के साथ प्रीति के पिता भीम सिंह से पूछताछ शुरू करती है. पहले तो वो पुलिस के सामने पुरानी हादसे वाली बात दोहराता है, लेकिन जब पुलिस सख्ती करती है तो उसकी जबान पर सच आ जाता है. वो पुलिस को जो कहानी सुनाता है, उसे सुनकर सब हैरान रह जाते हैं. अपने बयान में वो बताता है कि उसने पहले प्रीति का सिर बेड में दे मारा. जिससे वो बेहोश हो गई. फिर उसका मुंह दबा दिया. इसके बाद वो उसे खींचकर बाथरूम में ले गया और वहां पानी से भरे प्लास्टिक जब में प्रीति का सिर डुबो दिया. ताकि ये कोई हादसा लगे. अपना गुनाह कुबूल करने के बाद भीम सिंह को कोई अफसोस नहीं था. 

बेटी के कत्ल का अफसोस नहीं  

भीम सिंह पुलिस को बताता है कि वो छुट्टी लेकर अपने घर आया हुआ था. वो अपनी बेटियों से खुश नहीं था. उसे बेटियों को लड़कों से दोस्ती करना भी बिल्कुल पसंद नहीं था. यही वजह थी कि वो शाकिब को भी पसंद नहीं करता था, लेकिन उसका उनके घर में आना-जाना था. उसे ये बात बहुत अखरती थी. उसने कई बार अपनी बेटी और पत्नी को भी ऐसा करने से मना किया था. उसने कई बार प्रीति से कहा था कि वह शाकिब से रिश्ता खत्म कर ले लेकिन जब वह नहीं मानी तो उसने प्रीति को ही खत्म कर दिया. गुस्से में आकर प्रीति को मौत के घाट उतार दिया. भीम सिंह का इकबालिया बयान उसके इरादों को दर्शा रहा था.

14 जनवरी 2013 को हुआ था केस का खुलासा

इसके बाद पुलिस ने तमाम पहलुओं और भीम सिंह के बयान की तस्दीक की. और फिर 14 जनवरी 2013 को इस मामले का खुलासा किया. जिसे जानकर हर कोई हैरान था. आरोपी भीम सिंह को अदालत में पेश किया गया. जहां से उसे जेल भेज दिया गया. इससे पहले पुलिस ने मौका-ए-वारदात पर जाकर क्राइम सीन भी रिक्रिएट किया था.

उस वक्त इस मामले की जांच की निगरानी मेरठ के तत्कालीन एसएसपी/डीआईजी के. सत्यानारायण कर रहे थे. उन्होंने इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस का खुलासा करते हुए बताया था कि पुलिस ने वारदात के महज 72 घंटे बाद ही इस सनसनीखेज कत्ल का खुलासा कर दिया. असली का कातिल का खुलासा होने के बाद प्रीति के दोस्त शाकिब को पुलिस बाइज्जत छोड़ दिया था. 

 

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