बाघ ने चार बकरियों को मार डाला

बाघ ने चार बकरियों को मार डाला

पटना (ब्यूरो)। पश्चिम चंपारण जिला में मैनाटांड़ के पचरौता गांव के पास शुक्रवार पूर्वाह्न 10 बजे बाघ ने चार बकरियों को मार डाला. बकरियों को चराने गया 12 वर्षीय आजाद ने जैसे-तैसे भागकर जान बचाई. वह बुला मियां का पुत्र है. गांव से उत्तर की ओर जंगल के निकट वह बकरियों को लेकर गया था. उसी दौरान जंगल से निकल कर बाघ ने हमला कर दिया. वह जंगल वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) का ही विस्तार है. मंगुराहां वन रेंजर सुनील पाठक ने बताया कि आवेदन देने पर पशुपालक को मुआवजा दिलाया जाएगा.

वनकर्मियों को चकमा दे भाग निकला बाघ का शावक

वीटीआर से भटककर ग्रामीण इलाके में पहुंचा बाघ का शावक शुक्रवार को भी नहीं पकड़ा जा सका. वन अधिकारियों व कर्मियों की टीम पूरे दिन तलाश में जुटी रही, लेकिन उसका लोकेशन नहीं मिल सका. वह बीते 16 दिनों से गौनाहा प्रखंड में भितिहरवा, मर्जदी, बेलसंडी, पिपरिया, कहरगड्डी, बलुआ, मितनी आदि गांवों में चहलकदमी कर रहा है. इससे ग्रामीण सहमे हुए हैं. फिलहाल इन इलाकों में गन्ने की कटाई-छिलाई प्रभावित हो रही है. शावक को पकडऩे के लिए गुरुवार को मितनी गांव के पूरब नदी के किनारे ङ्क्षपजड़ा लगाया गया था, लेकिन चकमा देकर शावक वहां से निकल गया. गोवर्धना और मंगुराहां रेंज के वनकर्मी उसके पगमार्क की ट्रैङ्क्षकग में जुटे रहे, लेकिन उस तक पहुंचने में सफलता नहीं मिली. वन कर्मी इन इलाकों में कैंप कर रहे हैं. यहां से जंगल की दूरी लगभग आठ किलोमीटर है. मर्जदी निवासी चंद्र किशोर महतो का कहना है कि खेतों की तरफ जाना मुश्किल हो गया है. मवेशियों को लोग सरेह में नहीं ले जा रहे हैं. मंगुराहां रेंजर सुनील कुमार पाठक ने बताया है कि वनकर्मी शावक की ट्रैङ्क्षकग में लगे हैं. मिट्टी कड़ी होने के चलते उसका पगमार्क मिलने में दिक्कत हो रही है.

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