नागौर में युवती की हत्या में बेरहमी की हदें पार, शव के टुकड़े कर कुत्तों को डाल दिया, पुलिस को किया गुमराह

नागौर में युवती की हत्या में बेरहमी की हदें पार, शव के टुकड़े कर कुत्तों को डाल दिया, पुलिस को किया गुमराह

Nagaur News: जिले के श्रीबालाजी थाना क्षेत्र के बालासर से 12 दिन पहले गायब हुई विवाहिता गुड्डी की हत्या के बाद शव के टुकड़े करके आरोपी की ओर से अलग-अलग जगह डालने की बात सामने आई है. 

दो दिन तक शहर के बालवा रोड स्थित केन्द्रीय विद्यालय के पास सुनसान जगह पर विवाहिता के कपड़े, बाल और शव के कुछ पार्ट ढूंढने के बाद पुलिस ने जब आरोपी अनोपाराम से सख्ती पूछताछ की तो उसने शव का शेष भाग डेरवा गांव के पास सूने कुएं में डालने की बात बताई. 

इस पर शुक्रवार सुबह पुलिस अ​धिकारियों ने ने अजमेर से एसडीआरएफ की टीम बुलाई तथा आरोपी की निशानदेही पर मौके पर पहुंची. कुआं बंद होने के कारण उसमें काफी पानी भरा हुआ था, इसलिए पुलिस ने पहले मशीन मंगवाकर पानी निकालना शुरू किया लेकिन देर रात तक पानी नहीं टूटा, इसलिए शव नहीं निकाला जा सका. रात करीब सवा दस बजे पुलिस ने कार्रवाई रोककर शनिवार सुबह शुरू करने का निर्णय लिया. गायब हुई विवाहिता का पूरा शव नहीं मिलने के कारण पुलिस तीसरे दिन भी घटना का खुलासा नहीं कर पाई.

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क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि मामला श्रीबालाजी थाना क्षेत्र के बालासर का है, जहां 12 दिन पहले युवती के गुमशुदगी का थाने में मामला दर्ज हुआ. पुलिस ने जांच शुरू की लेकिन युवती का पता नहीं चला. इसी दौरान 22 जनवरी को डेरवा निवासी अनोपाराम के साथ युवती को देखे जाने की सूचना मिली तो पुलिस ने अनोपाराम को हिरासत में लिया और पूछताछ की लेकिन उसने किसी प्रकार की पहले जानकारी नहीं दी. बाद में पुलिस ने मनोविज्ञान तरीके से अनोपाराम से पूछताछ की तो उसने युवती की हत्या करने की बात कबूली और शव को नागौर के बालवा रोड सुनसान जगह पर फेंकने की बात कही.

कुत्तों को खाने के लिए डाले शव के टुकड़े

पुलिस ने मौके पर जाकर जांच की तो वहां से युवती के कपड़े, सिर के बाल और शरीर के अंगों के अवशेष मिले. इस दौरान पहले पुलिस का मानना था कि शव को कुत्तों द्वारा नोंच लिया गया और खा गए लेकिन जब आरोपी अनोपाराम से गहनता से पूछताछ की तो मामला कुछ और ही निकला. आरोपी ने बताया कि युवती की हत्या उसने 22 जनवरी को ही कर दी थी और सुनसान जगह फेंक दिया ताकि कुत्ते शव को खा जाएं लेकिन तीन चार दिन बाद फिर से आरोपी उसी जगह गया, जहां शव फेंका गया लेकिन वहां शव पड़ा मिला तो शव के किसी धारदार हथियार से टुकड़े कर और प्लास्टिक कट्टे में डाल कर बाइक पर ले गया. डेरवा के निकट सुनसान इलाके में बने पुराने कुएं के अंदर फेंक दिए. 

थाने के आसपास ही घूमता था आरोपी

इस दौरान आरोपी अनोपाराम 22 जनवरी जब युवती की हत्या की उसके बाद से लगातार चार पांच दिनों तक पुलिस थाने के आसपास घूमता रहता था लेकिन पुलिस को किसी भी प्रकार का शक नहीं हुआ क्योंकि युवती के पिता ने थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया था तो पुलिस युवती को ढूंढने में लगी थी.

एसडीआरएफ की टीम ने 14 घंटे चला सर्च आपरेशन

युवती के शव के अवशेष कुएं में फेंक होने पर नागौर पुलिस ने एसडीआरएफ की मदद ली, जिस पर अजमेर से एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और शव के अवशेष ढूंढने के लिए विशेष सर्च आपरेशन शुरू किया लेकिन 14 घंटे बाद भी सफलता हाथ नहीं लगी. इस दौरान कुएं के पानी के अंदर कैमरा भेजा गया तो शव के अवशेष जैसे कुछ वस्तुएं दिखाई दी, जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम कुएं के अंदर गए लेकिन पानी अधिक होने के कारण उन अवशेषो तक नहीं पहुंच पाए.

इस दौरान नागौर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा, डिप्टी विनोद कुमार सीपा, श्रीबालाजी थाना प्रभारी महेंद्र सिंह, खींवसर थाना प्रभारी अशोक बिसू, पांचौड़ी थाना प्रभारी सत्यनारायण सहित पुलिस का जाब्ता मौजूद रहा.

पुलिस पर उठे लापरवाही के सवाल

इधर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नागौर जिला अध्यक्ष हनुमान भाकर ने पुलिस पर सवालिया निशान लगाए हैं. जिलाध्यक्ष हनुमान भाकर ने बताया कि पीड़ित पिता ने श्रीबालाजी थाने में 22 जनवरी को अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाने गया था लेकिन पुलिस द्वारा किसी भी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की गई और पुलिस द्वारा युवती के शरीर के अवशेष, कपड़े और बाल बालवा रोड सुनसान जगह पर मिलते हैं. फिर पुलिस कहती है कि शव कुत्ते खा गए. 

पुलिस पहले करती कार्रवाई तो जिंदी होती युवती

इस दौरान गुरुवार देरा रात युवती के पिता के साथ नागौर पुलिस अधीक्षक को जांच जल्द करवाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया तो पुलिस के आला अधिकारी हरकत में आये और आरोपी अनोपाराम से गहनता से पूछताछ की तो पता चला कि शव के टुकड़े करके उनको डेरवा गांव के पास बन कुएं में फेंक दिए हैं और अब पुलिस उन अवशेषो को ढूंढने में जुटी है. 

अगर इसी तरह पुलिस 22 जनवरी को ही तेजी से जांच करती तो आज युवती अपने परिवार के साथ होती और आज ये दिन नहीं देखने को मिलता. वहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सदस्य अनिल बारूपाल ने बताया कि गुमशुदगी के मामलों को पुलिस गंभीरता से नहीं लेती है, जिसके कारण ऐसी घटनाएं होती हैं. अगर पुलिस अभी जैसी तत्परता 22 जनवरी को दिखाती तो ऐसी घटना नहीं होती.

नागौर सहित प्रदेश भर में अपराध लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. आए दिन लूट, हत्या, बलात्कार जैसी घटनाएं हो रही हैं. अपराध चरम सीमा पर आ चुका है.

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