पुतिन ने यूक्रेन युद्ध में जर्मन टैंकों को लेकर कही ये बात, पश्चिमी देशों को चेतावनी भी

राष्ट्रपति पुतिन ने वोल्गोग्राड में सैनिकों के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की तुलना नाज़ी जर्मनी के ख़िलाफ़ लड़ाई से की है.

स्टालिनग्राद युद्ध की 80वीं वर्षगाँठ पर एक भाषण में उन्होंने ये बात कही.

यूक्रेन में टैंक भेजने के जर्मनी के फ़ैसले का हवाला देते हुए पुतिन ने कहा कि इतिहास ख़ुद को दोहरा रहा है.

उन्होंने कहा, “ये अविश्वसनीय है लेकिन सच है. हमें एक बार फिर जर्मनी के टैंक से डराया जा रहा है.”

जर्मनी उन देशों में शामिल है, जो यूक्रेन की युद्ध में मदद कर रहा है.

रूस ने क़रीब एक साल पहले यूक्रेन पर हमला किया था, जिसके बाद पश्चिम देशों ने यूक्रेन को हथियार भेजने की शुरुआत की थी.

वोल्गोग्राद (स्टालिनग्राद का नया नाम) में अपनी बात रखते हुए पुतिन ने इस बात के संकेत दिए कि वह अब पारंपरिक हथियारों के इस्तेमाल से आगे बढ़ सकते हैं.

‘रूस का जवाब पहले से अलग होगा’

पुतिन ने कहा, “जो लोग युद्ध के मैदान में रूस को हराने की उम्मीद करते हैं, वे यह नहीं जानते हैं कि रूस के साथ आधुनिक युद्ध उनके लिए बहुत अलग होगा.”

“हम अपने टैंकों को उनकी सीमाओं पर नहीं भेज रहे हैं, लेकिन हमारे पास जवाब देने के साधन हैं. सभी को यह समझना चाहिए.”

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने पुतिन की टिप्पणियों के बारे में विस्तार से बात करने से इनकार कर दिया

लेकिन उन्होंने मीडिया से ये ज़रूर कहा कि “जिस तरह नए हथियार पश्चिमी देश यूक्रेन को दे रहे हैं, रूस इसका जवाब देने में अपनी क्षमता का और अधिक इस्तेमाल करेगा.”

पुतिन वोल्गोग्राद में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुए स्टालिनग्राद युद्ध की समाप्ति के वर्षगाँठ समारोह में शामिल होने पहुँचे थे.

इस युद्ध में सोवियत सेना ने लगभग 91,000 जर्मन सैनिकों को अपने कब्ज़े मे लिया था.

इस युद्ध में 10 लाख लोगों की मौत हुई थी और इसे इतिहास की सबसे ख़ूनी लड़ाई माना जाता है.

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वर्षगाँठ के लिए वोल्गोग्राद का नाम एक दिन के लिए फिर से बदल कर स्टालिनग्राद किया गया था और इस सप्ताह की शुरुआत में सोवियत नेता जोसेफ स्टालिन की एक प्रतिमा का अनावरण किया गया.

स्टालिन ने 1924 से 1953 के बीच सोवियत संघ का नेतृत्व किया. वे अपनी मौत के समय (1953) तक सोवियत यूनियन के नेता रहे. उन पर 1932-33 के बीच यूक्रेन में अकाल फैलाने का आरोप लगता रहा.

इस घटना को यूक्रेन में होलोदोमोर कहा जाता है, एक अनुमान के अनुसार इस त्रासदी में 50 लाख लोगों की मौत हुई और इस घटना को इस सप्ताह की शुरुआत में ही बुल्गारिया में नरसंहार बताया गया है.

राष्ट्रवाद बनाम नाज़ी युद्ध

यूक्रेन में हमले के समय से ही पुतिन ने रूस के आक्रमण को राष्ट्रवादी बनाम नाज़ी की लड़ाई के रूप में पेश करने की झूठी कोशिश की है.

वो बार-बार कहते हैं कि यूक्रेन की सरकार का नेतृत्व नाज़ियों के हाथ मे है.

अपने हालिया स्पीच में भी वे बार-बार इस बात का ज़िक्र करने से नहीं चूके.

उन्होंने कहा, “अब दुर्भाग्य से, हम नाज़ीवाद की विचारधारा अपने आधुनिक रूप में देख रहे हैं, ये हमारे देश की सुरक्षा के लिए फिर से सीधा ख़तरा पैदा कर रही है और बार-बार हमें पश्चिम के सामूहिक अक्रामकता को हराना होगा.”

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लेकिन उन्होंने कहा कि रूस को फिर से जर्मन टैंकों की धमकी दी जा रही है, लेकिन रूस के पास हर उस देश के लिए जवाब है जो उसे धमकी देता है.

जर्मनी ने यूक्रेन को 14 लेपर्ड-2 टैंक भेजने पर सहमति जताई है. इसके बाद रशियन कंपनी फ़ोर्स ने एलान किया है कि पहला जर्मन टैंक तबाह करने वाले या उस पर कब्ज़ा करने वाले सैनिक को 50 लाख रुबल का इनाम देगी.

इसके अलावा पुतिन ने स्टालिनग्राद में मारे गए सैनिकों की क़ब्र पर फूल चढ़ाए और मैमोरियल कॉम्लैक्स का दौरा किया.

इस बीच, वोल्गोग्राद के रहने वाले हज़ारों लोग सैन्य परेड देखने के लिए जुटे.

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  • यूक्रेन की तैयारी

    वहीं दूसरी ओर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमिर ज़ेलेंस्की ने भी कहा है कि वे पश्चिम की मदद से रूस से ‘बदला लेने’ के लिए तैयार हैं.

    उन्होंने कहा, “हम सब जानते हैं अब रूस अपनी सेना को एक जगह पर जुटा रहा है. यह न केवल यूक्रेन के ख़िलाफ़ है बल्कि एक स्वतंत्र यूरोप और आज़ाद दुनिया के ख़िलाफ़ बदला लेने की तैयारी की कोशिश कर रहा है. “

    यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ मंच साझा कर रहे ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस अब “प्रतिबंधों के प्रति सहज होने की गति तेज़ कर चुका है.”

    उन्होंने यूरोपीय संघ से रूसी अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की अपील की.

    इसके बाद अमेरिका के नेशनल प्रेयर ब्रेकफ़ास्ट आयोजन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए शामिल हुए ज़ेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया.

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